संतोषजनक और सुखी जीवन जीने का रहस्य।
संतोषजनक और सुखी जीवन जीने का रहस्य। बहुत समय पहले भारतवर्ष के बड़े राज्य में एक शूर वीर राजा राज्य करता था। कुछ समय बाद
संतोषजनक और सुखी जीवन जीने का रहस्य। बहुत समय पहले भारतवर्ष के बड़े राज्य में एक शूर वीर राजा राज्य करता था। कुछ समय बाद
सब ने वहीं पर कॉफी लस्सी चिप्स और एप्पल पाई का मजा लिया एक बात बिल्कुल साफ थी बच्चों को अच्छा बढ़िया खाना चाहिए था जो उनकी रूटीन से अलग हटके हो वह चाहे वह घर का हो या बाहर का।
गांधी जयंती – गांधी जी को श्रद्धांजलि बगल के कमरे से कुणाल और उसके पापा के बीच चल रही बातों से ज्योत्सना का मन ग्लानि से
रक्षाबंधन Rakshabandhan जिंदगी की रफ्तार में मैं कहीं जा रही थी। तभी एक लम्हे ने पुकारा, सुनो, जरा ठहरो चौकं कर मैं ठहर गई, तो
बनी को गिफ्ट खोल कर देखने की जल्दी थी तो उसने केक खाने के बाद गिफ्ट खोलने लगा। वह जानना चाहता था कि हाथी अंकल ने उसे क्या दिया है। धीरे-धीरे सभी के गिफ्ट खुल गए। किसी ने पेंसिल बॉक्स दिया था किसी ने नोटबुक, किसी ने पेन किसी ने बॉल और किसी ने बोर्ड गेम दिया था। पर जिस गिफ्ट को खोलने की जल्दी बनी को थी वह अब खुलने वाला था।
“माँ जी, हम आपसे कभी झूठ नहीं बोलते। सच कह रहे हैं माता जी, हम आपकी बड़ी इज्ज़त करते हैं। कोई कह नहीं सकता कि
“बच गए यार, नहीं तो गए थे आज,” बाइक को रोड किनारे लगाकर, अर्जुन वहीं फुटपाथ पर बैठ गए। सारा शरीर काँप रहा था। आँखों
“पिंक सिटी, जयपुर, वहाँ की सभी इमारतें, घर और बिल्डिंग सब पिंक कलर के। यह तो पुराना आईडिया है, सब जानते हैं। फिर नया क्या