अध्याय 10-हमे सामाजिक मेलजोल कैसे बढ़ाना चाहिए?
हम लोग अक्सर देखते हैं कि कुछ लोग पब्लिक गैदरिंग का सामना करने में झिझकते हैं। वे नए लोगों से बात करने से घबराते हैं
हम लोग अक्सर देखते हैं कि कुछ लोग पब्लिक गैदरिंग का सामना करने में झिझकते हैं। वे नए लोगों से बात करने से घबराते हैं
सिर्फ सुनना और एक प्रभावी तौर पर सुनने में फर्क है । सुनने से मतलब उन आवाज़ों से है जो आपके कानों में पहुँचती हैं।
एक बुद्धिमान अपनी मांगों को उठाता है, आलोचना करता है और कुछ मुद्दों पर बहस करता है, लेकिन सब कुछ इस तरह से बताता है
हमें स्वस्थ रहने के लिए अपना ख्याल रखना बहुत जरूरी है। वास्तव में स्वास्थ्य ही धन है। आपका विकास, आपकी खुशी और आपका रिश्ता सब
कोई नहीं चाहता कि उसके जीवन में कोई अप्रिय घटना घटे। लेकिन वास्तव में, यह अनिर्धारित होता है। इसलिए, जब जीवन में चीजें परेशानी बन
हम अपने आस पास लोगो को जब देखते हैं तो पाते हैं कि कुछ लोगों को बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है। वे अक्सर चिड़चिड़े
आलोचना का लोगों पर negative effect पड़ता है। यह लोगों में आत्मसम्मान में कमी , हताशा, असुरक्षा और तनाव पैदा करता है। लोग लंबे समय
हम सभी अपने जीवन में कभी न कभी दूसरों से hurt होते हैं। ऐसा शायद ही किसी के साथ हो कि कभी किसी ने hurt
एक व्यक्ति दूसरों को उनके कम आत्म-मूल्य और आत्म-सम्मान की कमी के कारण जज करता है। वे judgmental इसलिए भी होते है क्योकि खुद को
आत्म-आलोचना एक आदत या फिर कहे सोच है जिसमें लोग खुद को नकारात्मक और निराशावादी मानते हैं। एक बार जब कोई घटना उनके प्रतिकूल हो
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