Category: उपन्यास अजिता

Row houses in society

Ajita Chapter 17 : नया मकान / New House

उसे अपने घर से बहुत लगाव था, उसका जन्म उसी घर में हुआ था, उसके सब दोस्त भी वहीं के हैं, वो वहाँ बहुत खुश था,

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Ajita Chapter 11: अपना प्यारा घर

उसकी धनवान सहेली के मकान जैसा कुछ भी मेल नहीं खा रहा था पर फिर भी वह उसका “अपना प्यारा घर” था।

Ajita Chapter 8: अजिता की उलझन

नहीं, ऊपर नहीं आया और वहाँ नीचे भी कोई नहीं है। मैं नीचे सब तरफ देख आई हूँ।” अजिता घबराई हुई बोली। उसका दिल बैठा जा रहा था और गला सुख  रहा था।

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