हर घर में बच्चों के लड़ाई झगड़े और बहस आम बात है। हालाँकि उनकी बढ़ती उम्र में ऐसा होना समान्य माना जाता है, लेकिन जब वे बढ़ते हैं और बेकाबू हो जाते हैं, तो वे आपस में गहरी नफरत कर सकते हैं। लगातार झगड़े न केवल घर के माहौल को बिगाड़ते हैं बल्कि माता-पिता के लिए भी काफी परेशानी का कारण बनते हैं।
शांतिपूर्ण वातावरण बनाने के लिए पारंटिंग की इस समस्या को effectively handle करने की बहुत जरूरत है।
यह article बच्चों के झगड़ों से निपटने के लिए रणनीति बनाने में मदद करता है, जिसमें दोनों बच्चों के साथ समान व्यवहार करने और blame करने के बजाय solution को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया गया है।
माता-पिता के लिए बच्चों की लड़ाई झगड़े खत्म करने के 5 टिप्स
1 बच्चों के लड़ाई झगड़े को गंभीरता की पहचाने:
सबसे पहले बच्चों की आपसी अनसुलझे झगड़ों के परिणाम negative होंगे, यह accept करें। समझें कि लगातार होने वाले झगडे परिवार में तनाव पैदा कर सकते है। जिससे सभी की शांति affect हो सकती है। बच्चों की समस्या को पहचानकर, माता-पिता उनके समाधान के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं।
तो सबसे पहले इस तरह के लड़ाई झगडे की गंभीरता से ले। जब तक आप इसकी गंभीरता को महसूस नहीं करेंगे, आप इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाएंगे।
2 दोनों बच्चों को शांत करे और open communication को बढ़ावा दे :
बच्चों के लड़ाई झगड़े सुलझाते समय, सबसे पहले उन्हें शांत कराना बहुत जरूरी है। ऐसा माहौल बनाये की वो बिना डर और हिचक के अपनी बातों को रख पाएं। उन्हें अपनी बातों को बिना किसी डर के रखने और open communication के लिए बढ़ावा दे। जिससे हर बच्चा अपना नजरिया शेयर कर सके।
एक बच्चे को डांटने और दूसरे का साइड लेने की कोशिश न करे। यह approach केवल झगड़े को बढ़ावा देता है और conflict के सम्भावनाओ को बढ़ाता है। इसके बजाय, दोनों बच्चों के साथ समान व्यवहार करके impartiality को बढ़ावा दें। किसी को भी blame न करें और ऐसा हल ढूंढे जो की आपसी सहमति के साथ हो।
3 बच्चों के लड़ाई झगड़े की जिम्मेदारी दोनों बच्चों पर डाले:
आप ध्यान रखे कि बच्चों के बीच किसी भी लड़ाई के परिणामस्वरूप दोनों बच्चों सजा दी जाए। ऐसा न लगे कि आप किसी एक की साइड ले रहे हैं।
इससे उन्हें लगेगा कि लड़ाई झगडे से दोनों का नुक्सान होता है, एक का नहीं। यह उन्हें हल ढूंढ़ने के लिए मिलकर काम करने के लिए बढ़ावा करेगा। और जिम्मेदारी को share करने के एहसास को भी strong करता है। यह उन्हें सिखाता है कि उनके काम एक-दूसरे को affect करते हैं।
4 बच्चों के लड़ाई झगड़े खत्म कर Problem solving skill को बढ़ावा दे:
Conflicts को हल करने के creative तरीके ढूंढ़ने में अपने बच्चों की मदद करें। उन्हें effective communication, बातचीत और compromise करना सिखाएं। उन्हें बढ़ावा करें की वो फ़ैसले एक साथ सोच समझ कर ले . और उस decision की पूरी जिम्मेदारी लेने की भी उनमे courage होनी चाहिए। इस तरह से वह problem-solving skills सीख सकेंगे।
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5 Bonding activities को प्रोत्साहित करे
बच्चों के रिश्तों को मजबूत करने के लिए उन्हें ऐसी गतिविधियों में शामिल करें जो सहयोग और जुड़ाव को बढ़ावा दें। हमेशा hobbies, team work और family outings को बढ़ावा दें। इसके अतिरिक्त, सुनिश्चित करें कि प्रत्येक बच्चे के पास माता-पिता के साथ व्यक्तिगत समय हो। यह व्यक्तित्व और सुरक्षा की एक मजबूत भावना विकसित करना है।
बच्चों के लड़ाई झगडे सुलझाने के उदाहरण
उदाहरण 1: भाई-बहन ए: “वह हमेशा मेरे खिलौने बिना पूछे ले लेता है!” भाई-बहन बी: “वह मुझे कभी किसी चीज़ से खेलने नहीं देती!” माता-पिता: “मुझे पता है तुम दोनों ही upset हो, चलो हम बैठ कर इस पर बात करते है। खिलौनों को share करो और बारी-बारी से उनके साथ खेलना खेलो। अगर हम एक शेड्यूल या सिस्टम बनाएं जहां तुम दोनों उन खिलौनों के साथ खेल सको?”
इस उदाहरण में, माता-पिता शांति से intervene करते हैं और दोनों भाई-बहनों की परेशानी को समझते हैं। वे mutually ऐसा हल ढूंढ़ने की importance पर जोर देते हैं जिससे दोनों बच्चों को खिलौनों के साथ खेलने का आनंद मिल सके।
उदाहरण 2: भाई-बहन ए: “उसने मुझे बुरा-भला कहा और मेरा मज़ाक उड़ाया!” भाई बी: “वह हमेशा बिना किसी कारण के मुझ पर झगड़ती रहती है!” माता-पिता: “मैं देख सकता हूं कि तुम दोनों ही upset हो। नाम-पुकारना और गाली-गलौज करना बिलकुल भी acceptable behaviour नहीं हैं। आओ हम लोग शांति से बैठ कर इस बारे में बात करते हैं कि हम एक-दूसरे के साथ कैसे respectfully behave कर सकते हैं। कैसा होगा अगर हम एक ‘communication rule बनाये जहां हम अपनी feelings को express करने के लिए अच्छे शब्दों का use करते हैं?”
इस scenario में, माता-पिता conflicts पैदा करने वाले specific behaviors को बताने के लिए intervene करते हैं। वे अपनी बातचीत को समझाने के लिए एक नए रूल को propose करते है जो की open communication, empathy, and respectful behavior को promote करता हैं।
उदाहरण 3: भाई-बहन ए: “उसे ही आप लोगों का पूरा attention मिलता है !” भाई-बहन बी: “वह हमेशा आपकी लाड़ली रही है!” माता-पिता: “मुझे मालूम है की तुम लोग कभी-कभी ऐसा ही महसूस करते हो। तुम लोगों को में बता दो में तुमदोनो बहुत प्यार करता हूं और तुमलोगों की care करता हूं। चलो हम लोग एक दुसरे के समय quality time स्पेंड करते है ताकि हम अपने रिश्ते को मजबूत कर सके और याद रखें, आप दोनों के लिए मेरा प्यार बराबर है।”
इस उदाहरण में, माता-पिता unequal attention के perception को दिखाते करते हैं। वे दोनों भाई-बहनों को उनके समान प्यार का assurance देते हैं और अपने रिश्तों को मजबूत करने के लिए हर बच्चे के साथ personally quality time बिताने का proposal रखते है।
उदाहरण 4: भाई-बहन ए: “वह हमेशा हमारे shared room में सारी जगह घेर लेती है!” भाई बी: “वह अपने पीछे कभी सफ़ाई नहीं करता!” माता-पिता: “मुझे पता है की कमरा share करना challenging हो सकता है। चलो हम शान्ति से बैठ कर इस issue पर बात करते है और सभी काम और responsibilty को बराबर बाँट लेते है। इसके लिए हम आप में से प्रत्येक के लिए एक visual chart or a designated area बना सकते हैं। इसके अलावा हम रज़ाना की साफ़ सफाई का भी रूटीन तय कर लेते हैं।”
यहां, माता-पिता कमरा share करने से होने वाली परेशानियों को समझते हैं और practical solution ढूंढ़ने में दोनों भाई-बहनों को शामिल करते हैं। वे impartial और responsibility के concept को बच्चो के सामने रखते है। यह भी ध्यान रखते है की उनमे contribution की feeling बानी रहे।
impartial and open communication को बढ़ावा देकर, माता-पिता भाई-बहन के बीच लड़ाई झगड़े को कम करने और घर में harmonious environment बनाये रखने में मदद कर सकते है। उन्हें ऐसा solution ढूंढ़ने के लिए encourage करे जो दोनों के लिए अच्छा हो . ताकि उनके रिश्ते को मजबूत बनाया जा सके और conflicts को कम किया जा सके।
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निष्कर्ष:
बच्चों के लड़ाई झगड़े को manage करने के लिए एक balanced approach की जरूरत होती है जो harmony, fairness, and open communication को priority देती है। दोनों बच्चों को शांत करके, उनके एक जैसा treat करके, responsibility share करके और problem-solving skills को बढ़ावा देकर, माता-पिता एक ऐसा वातावरण बना सकते हैं जहां बच्चे healthy and constructive तरीके से conflicts से निपटना सीख सकें। याद रखें, positivity बच्चो के रिश्तों को nurture करने से न केवल बच्चों को लाभ होता है, बल्कि पूरे परिवार के लिए एक खुशहाल और अधिक शांतिपूर्ण घर बनाने में भी मदद मिलती है।