
जिंदगी ने हमें बहुत कुछ सिखाया है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण सबक समझाना भूल जाती है
अपने महत्व को समझें और खुद को उतना ही सम्मान और प्यार दें जितना आप दूसरों को देते हैं।
अपने महत्व को समझें और खुद को उतना ही सम्मान और प्यार दें जितना आप दूसरों को देते हैं।
जॉगिंग, योग, जिम या किसी भी खेल के रूप में आप तुरंत शारीरिक व्यायाम शुरू करें। व्यायाम करने से न केवल आपकी शारीरिक सेहत में सुधार होता है बल्कि यह आपकी भावनात्मक स्वास्थ में भी सुधार करता है।
कई बार सब कुछ पढ़ लेने के बाद भी बच्चों को खुद पर विश्वास नहीं होता और आत्मविश्वास की कमी भी उनमें डर पैदा कर देती है।
घर में बुजुर्ग लोगों के साथ कुछ समय बिताना चाहिए जिससे आपको जीवन के उतार-चढ़ाव में उनके अनुभवों से सीखने का अवसर मिलता है।
अपने जीवन के कुछ क्षेत्रों पर ध्यान देकर आप व्यक्तिगत सुधार कर सकते हैं। अपने स्वस्थ्य, करियर आदि में कुछ बदलाव लाकर जीवन में सुधार ला सकते हैं।
“जब भी आपके साथ कुछ नकारात्मक होता है, तो उसके भीतर एक गहरा सबक छुपा होता है।”
जब तक कि महिलाएं अपने लिए सम्मानित नहीं महसूस करेंगी वह अपने बच्चे के साथ मातृत्व की वास्तविक भावना के साथ भी न्याय नहीं कर सकेंगी।
रोज़ी ने अपनी पढ़ाई के डर का कारण खोज लिया है जो वह अब अपनी पढ़ाई के बारे में चिंता नहीं करने का फैसला करती है।
परिपक्वता का अर्थ है, सही समय पर सही काम करना। यह प्रक्रिया जीवन भर चलती रहती है।
लोगो को यह जरूर पता होना चाहिए कि भविष्य के लिए पैसो की व्यवस्था कैसे करें। बेहतर निर्णय के लिए किसी आर्थिक सलाहकार से सलाह ले लेनी चाहिए ।
जीवन में तिरस्कार का सामना करना और अपमानित होना, यह बहुत विषम स्थिति होती है।
Overthinking से कोई समस्या का हल नहीं निकलता, केवल सही थिंकिंग से ही और सही कार्य से ही प्रॉब्लम्स दूर होती हैं”
You must be logged in to post a comment.