माता-पिता /Parents बने तो जीवन में महत्वपूर्ण changes के लिए तैयार रहें।

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Synopsis

समाज व्यक्ति से बनता है और किसी भी समाज की गुणवत्ता और विकास उसके व्यक्तियों की गुणवत्ता और विकास पर निर्भर करती है।

सच है कि बच्चे भगवान की सबसे खूबसूरत देन है। किसी भी व्यक्ति के जीवन का वह सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है जब वह एक बच्चे के मां/बाप बनता है।

बच्चे parents के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। बच्चों का मां बाप के जीवन में महत्व निम्न कारणों से होता है।

1.बच्चों से परिवार बनता है और आगे बढ़ता है।

2.बच्चों का आगमन परिवार में उत्साह, प्यार और भविष्य लाता है।

3.मां बाप के जीवन की नई पहचान बनाने के लिए।

परंतु कभी-कभी बच्चों का जन्म सामाजिक दबाव के कारण भी होता है।

परिवार के सदस्यों की इच्छाओं की पूर्ति करने के लिए भी कई बार बच्चों का आगमन होता है।

कभी-कभी बच्चों का जन्म इसलिए होता है की परिवार टूटे ना।

कुछ लोग अपने और अपने परिवार की प्रतिष्ठा के लिए बच्चों को जन्म देते हैं।

समाज के कुछ लोग बच्चों को इसलिए जन्म देते हैं क्योंकि ऐसा सब लोग कर ले कर रहे हैं।

वह इस बात को समझ नहीं पाते हैं कि उन्हें जीवन में क्या चाहिए और क्या नहीं चाहिए।

मां बाप बनने का कारण कोई भी हो लेकिन मां बाप बनना, दुनिया की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है, इस बात का एहसास सबको नहीं होता है।

यूं तो किसी बच्चे के जीवन में उसके परिवार समाज और शिक्षक का अहम रोल होता है लेकिन सबसे ज्यादा प्रभाव उसके मां-बाप का होता है।

समाज व्यक्ति से बनता है और किसी भी समाज की गुणवत्ता और विकास उसके व्यक्तियों की गुणवत्ता और विकास पर निर्भर करती है।

इस बात का अर्थ यह है कि व्यक्तियों का मानसिक, शारीरिक, वित्तीय, आध्यात्मिक, व्यावहारिक और नैतिक गुणवत्ता ही समाज का दर्पण है।

इसलिए व्यक्ति का विकास उपर्युक्त विभिन्न पहलुओं पर एक साथ होना जरूरी है।

यह जिम्मेदारी मां बाप की है कि वह अपने बच्चों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान दें। जिससे वह समाज में एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में विकसित हो।

तो क्या यह करना आसान है?

साधारणतया अच्छी परवरिश देना अभिभावकों के लिए आसान काम नहीं माना जाता है।

लेकिन अच्छी परवरिश देने की शिक्षा ना तो कोई शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत है और ना ही कोई विशिष्ट ट्रेनिंग होती है।

हम सब बिना यह जाने कि बच्चों को कैसे पाला जाता है, बच्चों की जरूरतें क्या होती हैं, बच्चों के लिए क्या अच्छा है क्या नहीं अच्छा है, अभिभावक बन जाते हैं।

और परीक्षण और भूल सुधार पद्धति (trail and error method) से बच्चों को पालने की कोशिश करते रहते हैं।

अच्छा होता कि परवरिश के लिए भी वैज्ञानिक रूप से तैयार कोई पाठ्यक्रम, शिक्षा पद्धति में शामिल होता।

बच्चों में विकास: जन्म के बाद ही बच्चों में शारीरिक, बौद्धिक, भावनात्मक, सामाजिक, संविदात्मक और क्रियात्मक विकास आरंभ हो जाता है।

माता पिता बनकर आपके जीवन में और कौन से महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं यह मुझे जरूर बताएं।

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Anshu Shrivastava

मेरा नाम अंशु श्रीवास्तव है, मैं ब्लॉग वेबसाइट hindi.parentingbyanshu.com की संस्थापक हूँ।
वेबसाइट पर ब्लॉग और पाठ्यक्रम माता-पिता और शिक्षकों को पालन-पोषण पर पाठ प्रदान करते हैं कि उन्हें बच्चों की परवरिश कैसे करनी चाहिए, खासकर उनके किशोरावस्था में।

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Anshu Shrivastava

मेरा नाम अंशु श्रीवास्तव है, मैं ब्लॉग वेबसाइट hindi.parentingbyanshu.com की संस्थापक हूँ।
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