बच्चों की शिक्षा के लिए सुझाव – Suggestions for children’s education- Smart Parenting

Suggestions for children’s education
Suggestions for children’s education

Synopsis

हम लोग चार तरह की कैटेगरी के लोगों से मिलते हैं। एक वह जो सक्सेसफुल होते हैं, लेकिन अपनी जॉब से खुश नहीं होते हैं। जो काम वो कर रहे हैं उसमे उनका मन नहीं लगता है बल्कि उनको यह रिग्रेट रहता है कि जो वह करना चाहते थे, वह कर नहीं पाए। सेकंड कैटेगरी के लोग वह होते हैं जो स्ट्रेस में रहते हैं। किसी भी चैलेंज को फेस करते हुए उनके अंदर बहुत नेगेटिविटी आती है। थर्ड कैटेगरी के लोग सेल्फ सेंटर्ड होते हैं जो दूसरों की मदद नहीं करते और एक कैटेगरी उन लोगों की होती है जो सक्सेसफुल होते हैं, खुश रहते हैं ,अपने आप से सेटिस्फाइड रहते हैं, दूसरों की मदद भी करते हैं और किसी भी तरह के चैलेंज को आराम से फेस कर लेते हैं। उनकी फिलॉसफी होती है जिओ और जीने दो।

हर पेरेंट की यह इच्छा होगी कि हम बच्चों को ऐसे डेवलप करें ताकि वह हमेशा खुश रहे। वो अपनी जॉब से, अपने काम से सेटिस्फाइड रहते हैं और किसी भी तरह के चैलेंज को फेस कर सके। इस ब्लॉग में हम लोग बात करेंगे कि कैसे आप इस तरह से बच्चों को ट्रेन कर सकते हैं। पेरेंट्स अपने बच्चों के करियर को लेकर हमेशा परेशान रहते हैं और उनका मेन फोकस होता है कि बच्चे बड़े होकर क्या करेंगे, क्या बनेंगे। जो बिल्कुल ठीक है हर पेरेंट की यह ड्यूटी है कि अपने बच्चों को अच्छा करियर प्लान करके दें। इसके लिए आपको दो चीजों का ध्यान रखना है सबसे पहले आपको उस प्रेशर से दूर होना है कि लोग क्या कहेंगे।

शिक्षा के लिए सुझाव

बच्चों पर किसी भी तरह का प्रेशर न डालें :

अक्सर हम लोग करियर प्लान करते समय या बच्चों की परवरिश करते समय यह गलती करते हैं कि बहुत सा प्रेशर लोगों की वजह से ले लेते हैं और वह प्रेशर पास ऑन हो जाता है। एक तो उससे आप बाहर निकले। दूसरा, अपनी कुछ बम्स और फैंटेसी होती हैं , वह हम लोग बच्चों के ऊपर इंपोज ना करें बल्कि बच्चों की जो स्किल्स हैं, इंटरेस्ट है और काम करने का जितना पोटेंशियल है उसको ध्यान में रखे।

यह भी पढ़ें:

स्कूल में बच्चों को स्कूल में बच्चों को बुलइंग से कैसे बचाये?

बच्चों को आशावादी कैसे बनाये ?

पेरेंटिंग क्या है?

बच्चों की स्किल्स और एबिलिटी पर फोकस करें :

हमारा पूरा फोकस बच्चों पर होना चाहिए कि वह क्या कर सकते हैं। अक्सर पेरेंट्स बच्चों की इंटरेस्ट और स्किल्स को समझ नहीं पाते हैं और उनको कई ऐसी एक्टिविटीज में इवॉल्व करते हैं जिसमें उनका पोटेंशियल नहीं है और इंटरेस्ट भी नहीं है। वो अननेसेसरी बर्डन बच्चों के ऊपर पड़ता है तो इसलिए बहुत सारी चीजें सिखाने की जगह आप उनकी स्किल्स को और निखारिये। उनको क्रिएटिव बनाइए।

बच्चों को आजकल के हो रहे डेवलोपमेन्ट से अपडेटेड रखिये :

आज की दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर डेवलपमेंट हो रहे हैं। पेरेंट्स को उससे अपडेटेड होना बहुत जरूरी है क्योंकि जो पुराने एवेन्यूज थे वह मशीनस से रिप्लेस हो गए है। इसलिए बच्चों का करियर प्लान करने के लिए आपको वर्ल्ड में जो डेवलपमेंट्स हो रहे हैं, उससे अपडेटेड रहना बहुत जरूरी है।


बच्चों को रेस्पोंसिबल बनाये ताकि वो फ्यूचर के डिसिशन को खुद ले सके :

पेरेंट्स को चाहिए कि बच्चों की स्किल्स और इंटरेस्ट में फोकस करें। उसमें क्या स्कोप है और आगे आने वाले समय में क्या स्कोप होगा, उसको समझे और बच्चों को क्रिएटिव बनाए। उनमे डिसीजन मेकिंग एबिलिटी को डेवलप करिए। उसके लिए आप घर में ही जो एक्टिविटीज हो रही हैं उसमें उनको इवॉल्व करिए। उनकी ओपिनियन लीजिए और उनको डिसीजन लेने का भी मौका दीजिए। ऐसा करने से उनके अंदर रिस्पांसिबिलिटी की फीलिंग आती है और प्रॉब्लम सॉल्विंग एबिलिटी भी डेवलप होती है।ऐसे बच्चे लाइफ में किसी भी तरह के चैलेंज को फेस करने के लिए ज्यादा इक्विप्ड होते हैं। वह कोई भी चैलेंज आत है तो उसमें उनको पता होता है कि मुझे किस तरह से इसको डील करना है या लोगों से क्या ओपिनियन लेनी है और फिर क्या डिसाइड करना है जो कि बेस्ट होगा। यह एबिलिटी उनको लाइफ के कई चीजों में हेल्प करती है। करियर में भी और लाइफ के डिफरेंट इश्यूज में भी।

Suggested Readings:

क्रोध पर नियंत्रण कैसे करे

बच्चों में असफलताओं का सामना करना कैसे सिखाएं?

पेरेंट्स जजमेंटल न हो , बच्चों से कनेक्टेड रहें :

कई बार बच्चे अपनी किसी भी प्रॉब्लम को शेयर नहीं करते हैं। उनको अगर पढ़ाई में प्रॉब्लम हो रही है तो वह शेयर नहीं करते हैं या किसी और तरह की भी प्रॉब्लम है तो वह पेरेंट्स को नहीं बताते हैं। यहां पर आपको समझना चाहिए कि बच्चे इतने सीक्रेट्स क्यों रखते हैं ? हो सकता है कि पेरेंट्स बच्चों को जज करते हो या कुछ बताने पर वह डांटना शुरू करते हो, गुस्सा करना शुरू करते हो। इस डर की वजह से बच्चे अपने मन की बातों को कह नहीं पाते हैं। पेरेंटिंग में यह बहुत इंपॉर्टें है कि आप ओपन कम्युनिकेशन को हमेशा एंकरेज करिए और उसके लिए जरूरी यह है कि पेरेंट्स बिल्कुल जजमेंटल ना हो।
पेरेंट्स बच्चों को वैसे ही एक्सेप्ट करें जैसे वह हैं। उससे बच्चों के अंदर यह फीलिंग रहेगी कि अगर कोई दिक्कत हो रही है तो मुझे सबसे पहले अपने पेरेंट्स के पास जाना चाहिए और उनसे बात करनी चाहिए। याद रखिए हर बच्चा यूनिक है तो उसको किसी और से कंपेयर मत करिए।


नेक्स्ट ब्लॉग में मिलते हैं किसी नए टॉपिक पर , तब तक यह कमेंट करके बताइए कि आप बच्चों को काबिल बनाने के लिए क्या करते हैं ?

Sign up to receive new posts

Subscribe to get e-book

.

Picture of Anshu Shrivastava

Anshu Shrivastava

मेरा नाम अंशु श्रीवास्तव है, मैं ब्लॉग वेबसाइट hindi.parentingbyanshu.com की संस्थापक हूँ।
वेबसाइट पर ब्लॉग और पाठ्यक्रम माता-पिता और शिक्षकों को पालन-पोषण पर पाठ प्रदान करते हैं कि उन्हें बच्चों की परवरिश कैसे करनी चाहिए, खासकर उनके किशोरावस्था में।

Picture of Anshu Shrivastava

Anshu Shrivastava

मेरा नाम अंशु श्रीवास्तव है, मैं ब्लॉग वेबसाइट hindi.parentingbyanshu.com की संस्थापक हूँ।
वेबसाइट पर ब्लॉग और पाठ्यक्रम माता-पिता और शिक्षकों को पालन-पोषण पर पाठ प्रदान करते हैं कि उन्हें बच्चों की परवरिश कैसे करनी चाहिए, खासकर उनके किशोरावस्था में।

Follow me on
Like this article? Share.

Leave a Reply

Facebook
Twitter
WhatsApp
Email

Popular Posts

“खुशी का असली रहस्य दैनिक जीवन के सभी विवरणों में सच्ची रुचि लेने में निहित है!!"

19-March-24

Discover more from Parenting By Anshu (Hindi)

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading