Ajita Chapter 14: अभिनव का पालन पोषण
उसके आने के बाद अजिता का पूरा ध्यान अभिनव में लग गया क्योंकि जब अभिनव का जन्म हुआ था तब डॉक्टर ने, उसका वजन कम होने के कारण, उसका विशेष ध्यान रखने को कहा था, इसलिए सभी अभिनव के लिए काफी चिंतित रहते थे।
अजिता ने डॉक्टर की बात को बहुत गंभीरता से लिया और पूरे समर्पित भाव से अभिनव का ध्यान रखा। कई रात तो वह सो नहीं पाती थी क्योंकि अभिनव रात में उठ जाता और दिन में सोता रहता था।
उसने इतने जी जान से अभिनव का पालन पोषण किया कि डॉक्टर भी अभिनव का एक साल में विकास देख के हैरान रह गए। अजिता ने तय किया कि वह अब दूसरी संतान के लिए नहीं सोचेगी बल्कि अपना पूरा ध्यान अभिनव को देगी।
अजय अजिता के समर्पण और कड़ी मेहनत का एक मूक प्रशंसक था। अजिता अपने सभी काम निपुणता के साथ पूरा करती थी। अजय को लगता था कि अगर वह एक प्रोफेशनल होती, तो वह बहुत सफल होती।
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एक दिन अचानक अजय ने उससे पूछा, “आपने शादी क्यों की?”
अजिता ने आश्चर्य से उसे देखा। वह थोड़ी देर के लिए सोचने लगी, फिर बोली,
“मैंने शादी इसलिए की क्योंकि मेरे माता पिता की यही इच्छा थी।“
फिर थोड़ा रुककर “लेकिन तुमने मुझसे इतना अजीब सवाल क्यों पूछा?”
“क्योंकि, अगर आप अविवाहिता होती तो एक अच्छी प्रोफेशनल हो सकती थी।” अजय बोला,
उसको शादी में कोई दिलचस्पी नहीं थी।
उसे लगता था कि विवाहित लोग हर समय एक दूसरे की चिंता में लगे रहते हैं।
उनका जीवन दायित्वों को निभाने में ही बीत जाता है जिसमें महिलाओं की स्थिति तो और भी ज्यादा ख़राब हो जाती है, पहले तो उनकी पहचान खो जाती है उसके बाद सारा जीवन अपने आपको साबित करने में बीत जाता है।
“क्या आपका यह मतलब है कि आपने अपने माता पिता की इच्छा के कारण शादी की, ना कि अपनी इच्छा से?” अजय ने पुछा
अजिता को उस समय की बातें याद आने लगी जब व्यापार मे नुकसान के बाद उसके पिता को एक गहरा दिल का दौरा पड़ा था, उसके बाद से ही वह अजिता के भविष्य के लिए बहुत चिंतित रहने लगे थे और अपनी ज़िम्मेदारियों से मुक्त हो जाना चाहते थे, इसलिए अजिता की माँ ने उसे शादी के लिए राज़ी किया।
“नहीं, ये सिर्फ मेरे माता पिता की ही इच्छा नहीं थी बल्कि मैं भी राज़ी थी और मुझे तुम्हारे भाई ने पढ़ाई करने का आश्वाशन भी दिया था।”
अभिनव का पालन पोषण