Ajita Chapter 15: सकारात्मक दृष्टिकोण / positive outlook
“तो इसका मतलब आप इसलिए शादी के लिए तैयार हुई क्योंकि आपको आगे पढ़ाई करने का आश्वासन मिला था?
फिर क्या सच में ऐसा हुआ?
आपको तो पढ़ाई की इजाज़त मिली नहीं थी”।
“अपने परिवार के लोगों की खुशी की कीमत पर कुछ हासिल करने का कोई अर्थ नहीं है।
उस समय के दौरान मैंने घर के कई सारे दूसरे काम सीखे।
केवल एक प्रमाण पत्र या डिग्री पाना ही शिक्षा नहीं है, मैं जानती थी कि वे लोग एक दिन मुझे ज़रूर समझेंगे और पढ़ने की अनुमति देंगे और देखो वैसा ही हुआ।
आज मेरे पास परास्नातक की डिग्री है। इस डिग्री का वास्तविक मूल्य मेरे लिए अब है।”अजिता बोली,
उसका सकारात्मक दृष्टिकोण ही उसके जीवन के हर पहलू में उसे साथर्क बना देता था।
अजय को उसका जवाब मिल गया था, लेकिन वह अभी भी यही मानता था कि शादी जिम्मेदारियों और परेशानियों का नाम है,
इन्हीं जिम्मेदारियों के कारण ही अजीता की पढ़ाई वैसी नहीं हो पा रही थी, जैसी वह कर सकती थी।
इसीलिए अजिता को काम में व्यस्त देखकर अजय को गुस्सा आ जाता था और उस दिन भी वही हुआ।
“मुझे लगता नहीं कि आपके ऊपर मेरी बात का कोई असर पड़ा है।
पिछली बार भी मैंने आपको कितना समझाया था, खैर अब आपको जो मन हो वही करिए। अभी क्या-क्या काम रह गया है, मुझे बता दीजिए, मैं नहाकर आता हूँ फिर करा लूँगा।”
अजय यह कहकर सोफ़े से उठा और बाथरूम की तरफ चला गया।
अजिता को अजय की बात से ग्लानि होने लगी थी।
अजय की बात सही थी और वह अजिता की भलाई के लिए ही कह रहा था।
“इतने ज्यादा पकवान बनाने की क्या जरूरत थी।
अभिनव तो छोटा ही है अगर कम चीज़े भी बनाती तो भी वह खुश ही रहता लेकिन अब तक तो सब बन ही चुका था।” अजिता ने सोचा
“अब होली के बाद वह पढ़ाई में ध्यान लगाएगी और अच्छे नंबर लाकर दिखाएगी।”
उसने मन से निर्णय लिया, लेकिन हमेशा वैसा नहीं होता जैसा हम लोग सोचते हैं और कुछ वैसा ही अजिता के साथ हुआ।
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