कभी कभी हर व्यक्ति स्वयं को हताश और निराश महसूस करता है|
यह जीवन का एक सामान्य क्रम है, किन्तु जब यह हताशा और निराशा जीवन में लम्बे समय तक बनी रहे तो इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए|
Depression सिर्फ एक अनुवांशिक रोग नहीं है, बल्कि यह उनमे भी हो सकता है जिनकी परिवार के इतिहास में ये कभी न रहा हो |
Depression को विविध लक्षणों एवं संकेतो से पहचाना जा सकता है|
इन लक्षणों का कोई निर्धारित स्वरूप नहीं होता तथा ये इतने धीरे से समावेशित होते है कि इससे ग्रसित होने वाला व्यक्ति स्वयं भी इन्हे पहचान नहीं पाता|
जबकि उसके नजदीकी लोग उसके व्यक्तित्व और व्यवहार में आये इन परिवर्तनों को महसूस करने लगते है|
कुछ संकेत बड़े हल्के होते है जैसे व्यक्ति कही आने-जाने और मिलने जुलने से कतराने लगता है, अकेले चुपचाप बैठे रहना चाहता है|
यही लक्षण विकराल रूप में सुसाइड कर लेने की भावना अथवा उसके क्रियान्वन तक पहुंच जाते है|
कोई हसता खेलता व्यक्ति कुछ ही दिनों में डिप्रेशन का शिकार हो जाय या कुछ व्यक्तियों में यह घटित होने में लम्बा समय लगे, इसका कोई निर्धारित समय नहीं होता है|
Depression के लक्षणों को पहचानने के लिए एक सूची नीचे प्रस्तुत है —
१. व्यक्ति बुझा-बुझा सा, निराश, हताश और रुआँसा सा महसूस करने लगेगा |
२. वह हमेशा बेचैन, चिड़चिड़ा, व्यथित, तीव्र भावनाओ के अधीन और कुंठित रहने लगेगा |
३. वह हमेशा अपराधबोध में रहेगा तथा समाज, परिवार के लिए अपने को निरर्थक समझने लगेगा |
४. उसमे एक अजीब सी शून्यता भर जायेगी| वो स्वयं को बेवकूफ और हक्का बक्का महसूस करेगा और प्रायः कोई निर्णय नहीं ले पाएगा |
५. वह स्वयं को अकेला महसूस करेगा तथा दूसरो से बातचीत करने से दूर भागेगा|
६. उसके जीवन में उत्साह ख़तम हो जायेगा और उन चीजों से भी उसे ख़ुशी नहीं मिलेगी जिनसे वो पहले खुश हो जाया करता था|
७. वह व्यावहारिक जीवन से दूर होते जायेगा|
८. उसका आत्मविश्वास एवं आत्मसम्मान ख़तम होने लगता है|
९. जीवन के प्रति एक निराशा का भाव बन जाता है और वो हमेशा हतोत्साहित महसूस करता है |
१०.उसके मन में आत्महत्या के विचार आते है |
Depression से ग्रस्त व्यक्ति द्वारा किया जाने वाला क्रिया कलाप और व्यवहार
१. ऐसे व्यक्ति सोचते है कि उनके जीवन में कभी कुछ अच्छा घटित ही नहीं हुआ |
२. जीवन में वे स्वयं को नाकामयाब मानते है जबकि यह सही नहीं होता |
३. वह स्वयं को निरर्थक और मूल्यहीन मानते है और जीवन को जीने लायक नहीं समझते है |
४. वह यह मानते है कि उनके जीवन का परिवार या समज में कोई महत्वा नहीं है|
ऐसे लोग प्रायः कहीं दूर चले जाने की और जीवन को ख़तम कर देने की बाते करते है |
गंभीर रूप से डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति अपना जीवन ख़त्म कर लेने तक का निर्णय कर ले लेते है|
ऐसा निर्णय लेने के बाद वे काफी ऊर्जावान और शांत महसूस करते है |
किसी डिप्रेस्ड व्यक्ति के जीवन में यदि ऐसे लक्षण दिखे तो हमें और भी सतर्क हो जाना चाहिए |
ऐसे परिवर्तन का मतलब यह भी हो सकता है कि डिप्रेस्ड व्यक्ति कोई कठोर कदम लेने की सोच रहा हो|
यहाँ हमारे लिए यह समझ लेना अनिवार्य है कि हम में से बहुत से लोगो में समय समय पर इनमे से कुछ लक्षण महसूस होते रहते हैं जो समय के साथ चले जाते है|
इसका मतलब यह नहीं कि हम डिप्रेशन से ग्रसित है और यह जरूरी नहीं है कि सारे के सारे लक्षण एक साथ दिखाई देने लगे|
बल्कि इनमें से कुछ ही लक्षण दिखाई दे सकते हैं|
तात्पर्य यह है कि इन लक्षणों का कोई निर्धारित स्वरूप नहीं होता है|
इसलिए डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों और उनके दोस्तों को यह ध्यान रखना अति आवश्यक है कि उस व्यक्ति के व्यवहार और मानसिकता में जैसे ही कोई परिवर्तन देखें तो तुरंत अनुकूल उपचार के लिए कदम बढ़ा दे|
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