Ajita Chapter 7 – अभिनव का बहाना

School bus is standing and school children are passing by

Synopsis

उसने सोच लिया था कि अबकी बार वह विजय से कहेगी कि टूर कम बनाए और अभिनव को ज्यादा समय दें।

Ajita Chapter 7 – अभिनव का बहाना

बाथरूम से बाहर निकलकर उसने स्कूल ड्रेस पहनी और अपना टिफिन बैग में रख लिया।

“बचा लिया टिफिन मम्मी से।” अपना टिफिन बैग में सुरक्षित रखकर उसने सोचा।

अचानक उसे याद आया कि कल स्कूल में ‘गंदी मैम’ ने कहा था कि इग्ज़ाम आने वाले हैं इसलिए गेम्स के पीरियड में भी पढ़ाई होगी।

इसलिए स्पोर्ट शूज नहीं पहनने हैं बल्कि स्कूल शूज ही पहनकर जाना है।

पढ़ाई की याद आते ही उसका मन उदास हो गया।

काश कि बस आज आए ही नहीं, टूट जाए वह।

बारिश ही हो जाए और स्कूल बंद हो जाए।

लेकिन कुछ भी नहीं होने वाला था।

बस का हार्न सुनाई देने लगा था।

बस मोड़ पर आते ही हार्न देना शुरू कर देती थी।

क्या कहें मम्मी से आज? रोना भी नहीं आ रहा था कि बीमारी का बहाना बनायें।

“मम्मी मैं स्कूल नहीं जाऊँगा।” उसने सीधे जाकर मम्मी से बोल दिया।

बहाना कुछ समझ नहीं आ रहा था इसलिए उसने सोचा कि आज मम्मी पूछेगी तो सच ही बता दूँगा।

लेकिन यह क्या? अजिता ने बिना कुछ बोले अभिनव को गोद में उठा लिया कमरे से बैग उठाया और सीढ़ियों से उतरकर नीचे आ गई।

बस में बैठाकर, आँखें तरेरते हुए अभिनव से कहा।

“चुपचाप स्कूल जाओ और मन लगाकर पढ़ाई करो।”

जल्दी-जल्दी में पानी की बोतल उठाई और आकार बस के कंडक्टर को पकड़ा दी।

बस तुरंत चल दी और बेचारा अभिनव भौचक्का सा मम्मी को देखता रहा।

रोज ‘बाय’ करता था लेकिन उस दिन न उसे याद रहा न मम्मी को।

अजिता कुछ देर वहाँ खड़ी रही फिर ऊपर अपने घर आ कर सोफ़े में बैठ गई।

इतनी देर में गुस्सा कब ग्लानि और मोह में बदलकर आँसूओं के रूप में आँखों में आ गया।

“बेचारा उसका छोटा सा मासूम बच्चा! कितनी ज़ोर से डाँट दिया उसने।

कितनी निरीह होकर वह अपनी मम्मी को देख रहा था।”

अजिता को अपने ऊपर गुस्सा आने लगा और विजय पर भी गुस्सा आने लगा जो अक्सर ही टूर पर बाहर चले जाते थे।

अभिनव की सारी ज़िम्मेदारी खुद उसे ही उठानी पड़ती थी ।

अगर विजय भी घर पर होते तो कभी-कभी वह भी अभिनव को समझाते।

उसने सोच लिया था कि अबकी बार वह विजय से कहेगी कि टूर कम बनाए और अभिनव को ज्यादा समय दें।

वह तो उसकी सास घर पर नहीं थीं, नहीं तो अभिनव स्कूल नहीं जा पाता।

वह हमेशा अभिनव की तरफदारी करती और अजिता से कहती,” पढ़ाई के लिए अभिनव के पीछे इतना क्यों पड़ती हो, क्या अभी डिग्री दिलाएगी?”

“इस तरह से तो अभिनव की जरूर पढ़ाई होगी” उसने सोचा, मन में नकारात्मक विचार आने लगे तो अजिता ने अपने मन पर काबू किया।

तुरंत उठकर खड़ी हो गई “कोई न कोई रास्ता निकाल लूँगी, अभी तो अभिनव छोटा है। हमेशा ऐसे थोड़े ही रहेगा।”

Sign up to receive new posts

Subscribe to get e-book

.

Anshu Shrivastava

Anshu Shrivastava

मेरा नाम अंशु श्रीवास्तव है, मैं ब्लॉग वेबसाइट hindi.parentingbyanshu.com की संस्थापक हूँ।
वेबसाइट पर ब्लॉग और पाठ्यक्रम माता-पिता और शिक्षकों को पालन-पोषण पर पाठ प्रदान करते हैं कि उन्हें बच्चों की परवरिश कैसे करनी चाहिए, खासकर उनके किशोरावस्था में।

Anshu Shrivastava

Anshu Shrivastava

मेरा नाम अंशु श्रीवास्तव है, मैं ब्लॉग वेबसाइट hindi.parentingbyanshu.com की संस्थापक हूँ।
वेबसाइट पर ब्लॉग और पाठ्यक्रम माता-पिता और शिक्षकों को पालन-पोषण पर पाठ प्रदान करते हैं कि उन्हें बच्चों की परवरिश कैसे करनी चाहिए, खासकर उनके किशोरावस्था में।

Follow me on
Like this article? Share.

One Response

Leave a Reply

Facebook
Twitter
WhatsApp
Email

Popular Posts

error: Alert: Content is protected !!