मैं अपने जीवन को कैसे सुधारू, जबकि मेरे जीवन की परिस्थितियां बिगड गयी है?

A boss is scolding his employee

Synopsis

जीवन खुशी और दर्द का संयोजन है। दर्द आने को हम रोक नहीं सके है, लेकिन पीड़ा वैकल्पिक है। यह हमारे हाथ में होता है कि हम अपने दुख और परेशानियां मे दुखी बने रहें या उनसे लड़कर जीवन में आगे बढ़ जाये।

मैं अपने जीवन को कैसे सुधारू, जबकि मेरे जीवन की परिस्थितियां बिगड गयी है? जीवन में अक्सर हमे विभिन्न भावनाओं के उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ता है। हम हमेशा खुश और पूर्ण जीवन बिताना चाहते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से, इस सामाजिक दुनिया में ये संभव नहीं है। कभी-कभी हमारी जिंदगी में जो चीजें घट जाती है हमे उनकी उम्मीद नहीं होती है। और ऐसा हम सभी के साथ होता है।

जिंदगी में जब सबकुछ गलत हो जाता है, तो उन चीजों को दूसरी निगाह से देखें, आप पाएंगे कि जो अभी हुआ है परिणाम उससे भी बदतर हो सकते थे।

तो जब आपके जीवन में कुछ बिगड गया हो, तो आप उन समस्याओं से निपटने के लिए दो तरह से सोच सकते हैं :-

 -आप सोच सकते हैं कि भाग्य ने आपको ही नुकसान उठाने के लिए क्यों चुना गया। और फिर आप उस हानि के लिए अपने भाग्य, परिस्थितियों और दूसरों को दोष दें सकते है।

ऐसी सोच में आपका ध्यान दोषारोपण, उदासी और पछतावा होने पर केंद्रित रहेगा, इसलिए आप अपनी समस्याओं का समाधान ढूँढने में ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगे। इस तरह के दृष्टिकोण से आपके दुखों का अंत नहीं होता है क्योंकि मुद्दों को सुलझाने के आपके प्रयास पर्याप्त नहीं होते है।

-दूसरी जगह, ऐसी परिस्थिति में आप शांत रहें और फिर यह पता लगाने की कोशिश करें कि ऐसा क्यों हुआ।

यदि आप इस दूसरे तरीको को अपनाना चाहते है तो यहां आपकी समस्याओं का समाधान ढुढ़ने के लिए कुछ सुझाव दिये गए हैं जिनसे आप जीवन में फिर खुशी से रहना शुरू कर सकते है।

इसके लिए आपको सबसे पहले खुद से पूछना होगा:

 -क्या हुआ है?

 -आपने शुरुआत में उस स्थिति के बारे में कैसा महसूस किया था?

-आप इस तरह महसूस क्यों कर रहे हैं?

ये प्रश्न आपको यह निर्धारित करने में मदद करेंगे कि वास्तव में आपके साथ क्या हुआ है, हालांकि ये प्रश्न आपकी भावनाओं को कुछ ज्यादा तकलीफ दे सकते है।

जब आपके पास इन प्रश्नो के जवाब हों, तो आप फिर से पूछें कि:

-आपकी भावनाओं का कारण क्या है?

-ये जानने की कोशिश करें कि क्या इन भावनाओं का कारण वर्तमान घटनाओं के अलावा पिछली घटनाओं पर भी निर्भर है?

-आपकी भावनाओं का अंतर्निहित कारण क्या हो सकता है?

इसलिए अगर आपको ऐसा एहसास होता है कि आपकी दर्द की भावनाएं केवल इन विशेष परिस्थिति के कारण से ही जरूरी नहीं हैं, तो पिछली भावनाओं का हल निकालने के लिए आपको व्यक्तिगत स्तर पर कुछ काम करना पड़ेगा। इसलिए, यह आवश्यक है कि आप आत्म-प्रतिबिंब की इस अवधि में अपने पिछले दर्द को भी ध्यान में रखें।

एक बार जब आप अपनी स्थिति का कारण समझ लेते हैं तो आपको तीन चीजो का ध्यान रखना पड़ेगा:

-आपको पता होना चाहिए कि आपके पास आपकी समस्याओं से लड़ने की ताकत है।

-आपको याद रखना होगा कि सभी मनुष्य गलतियां कर सकते हैं, इसलिए उन गलतियो के लिए अपने आप को और दूसरों को क्षमा करें।

-ऐसी परिस्थितियों में शांत रहना मुश्किल है, लेकिन आपको ऐसा करना होगा और उन परिस्थितियों को स्वीकार करना होगा। आपको अपनी समस्याओं के हल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपने दर्द और कड़वाहट को दूर रखना पड़ेगा। क्योकि तभी आप समस्याओं का हल निकाल सकते है।

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जैसा कि कहा जाता है:

 “जब भी आपके साथ कुछ नकारात्मक होता है, तो इसमें एक गहरा सबक छिपा हुआ होता है।” 

– इखर्ट टॉले

अब देखें कि आप कहां खड़े हैं और आप क्या कर सकते हैं। आपके प्रयास ही आपकी समस्याओं दूर कर सकते हैं। तो अपनी वर्तमान स्थिति से निपटाने के लिए, आपको कुछ और सवालों के जवाब देने की आवश्यकता है।

1) ऐसी कौन सी चीजें हैं जो आपको और अधिक बुरी परिस्थितियों में ला सकती हैं?

जो कुछ भी हुआ है, परिस्थितियां और खराब भी हो सकती थी । उन परिस्थितियों और उन लोगों के बारे में सोचें जो आपकी तुलना में बदतर समस्याओं से पीड़ित हैं। इसलिए अपने भाग्य के लिए आभारी रहें।

2) आप जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं उससे निपटने के लिए आपको किन चीजो जरूरत है?

आपको विभिन्न समस्याओं के लिए विभिन्न चीजों की आवश्यकता होती है जैसे धन, लोगों की मदद और अपनी कार्यकुशलता आदि।

3) ऐसे कौन से कौशल हैं जिन्हें आपने अभी तक लागू नहीं किया है?

हालांकि, कभी-कभी हमारे पास सभी संसाधन होते है जो समस्याओं से निपटने के लिए आवश्यक होते हैं। लेकिन हम उन्हें लागू करने से चूक जाते हैं।

इसलिए आपके पास मौजूद सभी संसाधनों को जानने के लिए उन संसाधनों की एक विस्तृत लिस्ट तैयार कर लेनी चाहिए ताकि आप उनका पूरा फायदा ले सके।

4) वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए आपको एक बेहतर विकल्प बनाना होगा?

एक बार जब आप पूरी स्थिति का विश्लेषण कर लेंगे, तो आपको स्थिति से निपटने के लिए एक बेहतर और प्रभावी योजना बनाने की जरूरत होगी क्योंकि तभी आप परिस्थितियों से निपट पाएंगे।

5) क्या आपको कुछ विशेषज्ञों से मार्गदर्शन या सहायता चाहिए?

यदि आप स्वयं एक बेहतर और प्रभावी योजना बनाने में सक्षम नहीं हैं, तो अच्छा होगा कि आप विशेषज्ञों से मार्गदर्शन लें।

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उपर्युक्त चरणों से, आप अपनी समस्याओं को हल करने में सक्षम होंगे।

यदि आप उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर लिखते हैं तो वह आपके लिए अधिक उपयोगी होंगे क्योंकि जब आप उत्तर लिखते हैं, तो आपके पास रणनीति बनाने के लिए सारे तथ्य सामने होंगे। उन तथ्यो को देखकर आप आसानी से मुद्दों से निपटने की योजना बना सकते हैं।

जीवन खुशी और दर्द का संयोजन है। दर्द आने को हम रोक नहीं सके है, लेकिन पीड़ा वैकल्पिक है। यह हमारे हाथ में होता है कि हम अपने दुख और परेशानियां मे दुखी बने रहें या उनसे लड़कर जीवन में आगे बढ़ जाये। जीवन को एक बड़े पैमाने से देखने पर आपको विपरीत परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने की ताकत और प्रेरणा मिलती है।

आपका दिन शुभ हो!

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Anshu Shrivastava

मेरा नाम अंशु श्रीवास्तव है, मैं ब्लॉग वेबसाइट hindi.parentingbyanshu.com की संस्थापक हूँ।
वेबसाइट पर ब्लॉग और पाठ्यक्रम माता-पिता और शिक्षकों को पालन-पोषण पर पाठ प्रदान करते हैं कि उन्हें बच्चों की परवरिश कैसे करनी चाहिए, खासकर उनके किशोरावस्था में।

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