अपनी ख्वाहिशों को कैसे पहचाने?

A young girl sitting on the sofa reading book and listensing music

Synopsis

ऐसे काम जिन्हें करने में आपका मन प्रसन्न हो और ऐसा लगे ही नहीं कि कोई काम किया। अर्थात वह काम जिन्हें हम बिना मेहनत महसूस किए करते हैं वह काम हमारी ख्वाहिशें हो सकती हैं।

अपनी ख्वाहिशों को कैसे पहचाने?

मै जब भी अपनी फ्रेंड मीरा से मिलती हूँ तो वह अपने बेटे अरनव के बारे में बस ये ही बात कहती रहती है कि वह पढ़ाई ठीक से नहीं करता है और परीक्षा में अच्छे नंबर नहीं लाता है।

वह सारा समय अरनव के भविष्य के लिए चिंतित रहती है।

लेकिन, जहां तक  मैंने अरनव के बारे में नोटिस किया है, वह खुद को इंटरनेट सर्फिंग में व्यस्त रखता है।

जहां वह विभिन्न देशों के बारे में, वहाँ की संस्कृति, आर्थिक, राजनीतिक स्थितियां, यात्रा के स्थान, लोगों के बारे में  पढ़ता  रहता है। उसे  कई देशों के बारे में व्यापक जानकारी है।

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वह अलग-अलग देशों  के बारे मे किसी भी विषय पर बात कर सकता है, चाहे वह यात्रा पर हो , या संस्कृति और परंपराओं के बारे में हो ।

मै जब भी  मीरा  से इस बारे में चर्चा करती हूँ  और अरनव के दिलचस्पियों  और ज्ञान के बारे में उसे बताती हूँ कि अरनव में एक बहू मूल्य प्रतिभा है और वह अपने जीवन में बहुत अच्छा प्रदर्शन करेगा, लेकिन मीरा अपनी चिंताओं के साथ चर्चा समाप्त कर देती है।

इस बारे में कुछ सुनना ही नहीं चाहती है, वह तो बस अरनव को अपने पिता की तरह डॉक्टर बनाना चाहती है।

मेरे पड़ोस में एक लड़की  है जो बहुत अच्छी गायिका  है। वह एक  गायिका  ही बनना चाहती है। परन्तु  उसके परिवार में, एक लड़की को एक पेशेवर गायिका  बनने की अनुमति नहीं है।

इसलिए, उसे इंजीनियर बनने के लिए विज्ञान विषयों का अध्ययन करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

मेरा एक रिश्तेदार बैंकर है जो हमेशा से ही संगीतकार बनना चाहता था। वह कई प्रकार के संगीत वाद्ययंत्र बजाता है और बहुत अच्छा  गाता है। वह अपने काम से वापस आने के बाद संगीत के लिए अपना अधिकांश समय समर्पित

करता है परंतु अपने ख्वाहिशों से अनजान था इसलिए पढ़ाई करके बैंकर बन गया।

हम अपने आस-पास के जीवन में इन जैसे कई उदाहरण देख सकते हैं।

कभी-कभी, हम यह भी महसूस करते हैं कि हमारा दिमाग भी विभिन्न विचारों से भरा हुआ है। हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी के अलावा भी कुछ करना चाहते हैं और आगे बढ़ना चाहते हैं। हालांकि, हम यह समझने में सक्षम नहीं हैं कि क्या करें, कैसे करें और क्यों करें।

इस तरह के बहुत से विचार जीवन के कुछ चरणों में हमारे दिमाग में आते रहते हैं जो निम्न प्रकार के हो सकते हैैं:

1) छात्र, जब वह अपना प्रोफेशन का चयन करता है।

2) पेशेवर, जो अपने जॉब्स और काम से संतुष्ट नहीं हैं।

3) गृहणी, जिन्हे कभी भी अपनी ख्वाहिशों को आगे बढ़ाने का मौका नहीं मिला। लेकिन जीवन में कुछ करने की इच्छा उनमें दबी हुई है।

4) अपने काम से रिटायर लोग जो कुछ ऐसा करने की इच्छा रखते है जो उन्हें खुश और परिपूर्ण बनाता है।

मुख्यता ये चार चरण हैं जहां लोग समझना चाहते हैं कि वे अपने जीवन के साथ क्या करना चाहते हैं।

तो यहां अपनी ख्वाहिशों को पहचानने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं:

1.ऐसे काम जिन्हें करने में आपका मन प्रसन्न हो और ऐसा लगे ही नहीं कि कोई काम किया। अर्थात वह काम जिन्हें हम बिना मेहनत महसूस किए करते हैं वह काम हमारी ख्वाहिशें हो सकती हैं।

2. अधिकतर हमें मालूम होता है कि हमें क्या पसंद है लेकिन अगर इसकी पहचान हम खुद नहीं कर सकते तो यह याद करें कि आपको बचपन में कौन सा काम पसंद था। 

3. अगर फिर भी आपको अपनी पसंद के काम की पहचान ना हो पाए तो आप दूसरे लोगों से मदद ले सकते हैं। यह ऐसा कुछ है जो अन्य लोग आपके बारे में नोटिस करते  हैं, और वे अक्सर आपको बताते हैं कि आप उस विशेष क्षेत्र में कुछ कर सकते हैं। इसलिए, आप दूसरों से पूछ सकते हैं कि वे आप में  कौन-से कौशल देख रहे हैं और उन्हें आपको क्या सुझाव देना है।

4. एक बार जब आप यह समझ जाते है कि किस कार्य को करने की आपकी इच्छा है, तो फिर यह याद रखना चाहिए कि इसे करना आसान नहीं है, क्योंकि कुछ नया काम करना चुनौतीपूर्ण है।

5. आपको यह दृढ़ विश्वास होना चाहिए कि आप रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करने में सक्षम होंगे। कुछ नया बनाने के लिए आपको अपनी ताकत में विश्वास होना चाहिए।

6. किसी भी कार्य में परिणाम जल्दी नहीं आ सकते हैं; इसे पूरा होने में समय लगता है। तो आपको  अपने प्रयासों में निरंतर दृढ़तापूर्वक लगे रहना चाहिए।

7. कभी-कभी आपकी पुकार सिर्फ एक चीज के लिए  नहीं होती, वह ज्यादा भी हो सकती हैं। इसमें  कोई नुकसान नहीं है।

8. आपका सपना हमेशा आपसे बड़ा  होता है। ऐसा विचार आपको ऐसी ऊंचाई तक ले जाता  है आपने कभी कल्पना भी नहीं की होती है ।

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9. एक बार जब आप अपनी पुकार  की पहचान कर लेंगे, तो आपको उस पर काम करना शुरू करने के लिए एक लक्ष्य तय करना होगा। अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए ब्लूप्रिंट लिखना, आगे बढ़ने का पहला कदम है।

अपने लक्ष्य की पहचान कैसे करें?

आगे जारी होगा ……

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Anshu Shrivastava

मेरा नाम अंशु श्रीवास्तव है, मैं ब्लॉग वेबसाइट hindi.parentingbyanshu.com की संस्थापक हूँ।
वेबसाइट पर ब्लॉग और पाठ्यक्रम माता-पिता और शिक्षकों को पालन-पोषण पर पाठ प्रदान करते हैं कि उन्हें बच्चों की परवरिश कैसे करनी चाहिए, खासकर उनके किशोरावस्था में।

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