हमारी खुशियां परिस्थितियों की स्वीकृति में है।/ our happiness is in acceptance of situations

happiness is in acceptance

Synopsis

इस जीवन में कुछ भी संपूर्ण नहीं है इसलिए हमें परिस्थितियों को स्वीकार करना सीख लेना चाहिए। परिस्थितियों को स्वीकार कर लेना एक कला है और इसमे बहुत शक्ति  है।

हमारी खुशियां परिस्थितियों की स्वीकृति में है।

दिनभर की भागदौड़ वाली जिंदगी में आजकल लोग अनगिनत परिस्थितियों से गुजरते हैं। इनमें से कुछ हमारे अनुकूल होती हैं और कुछ प्रतिकूल भी होती हैं।

हम दूसरों से कुछ अपेक्षाएं रखते हैं और जब वह अपेक्षाएं पूरी हो जाती हैं तो हम खुश रहते हैं। लेकिन अगर किसी कारणवश दूसरे हमारी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरते तो हम दुखी हो जाते हैं, हमारा मन अस्थिर हो जाता है।

अक्सर लोग ऐसी चीजों को बदलने की कोशिश करते हैं जो उनके नियंत्रण के बाहर होती है। इसका नतीजा यह होता है कि रोज की गतिविधियों को शांति पूर्वक करना भी मुश्किल हो जाता है।

रोजमर्रा के जीवन की परिस्थितियों की अस्वीकृति हमें निराशा और दुख की तरफ ले जाती है। हर इंसान अपने बनाए रास्ते पर चलना चाहता है और वह चाहता है कि दूसरे भी उसी रास्ते पर चलें बस यही सोच लोगों के संबंधों में कड़वाहट पैदा कर देती है।

ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए हमें एक दूसरे को स्वीकार करना सीखना होगा। अगर लोगों के बीच में पारस्परिक सम्मान और भरोसा होगा तो एक दूसरे को स्वीकार करना मुश्किल नहीं होगा। एक बुद्धिमान व्यक्ति यह जानता है कि हर स्थिति में कैसे खुश रह जाए।

ऐसा नहीं है कि रोजमर्रा की जिंदगी में किसी से कुछ भी अपेक्षा ना करें लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि दूसरे पर कोई बाध्यता नहीं डालनी चाहिए।

इस जीवन में कुछ भी संपूर्ण नहीं है इसलिए हमें परिस्थितियों को स्वीकार करना सीख लेना चाहिए। परिस्थितियों को स्वीकार कर लेना एक कला है और इसमे बहुत शक्ति  है। अगर हम स्वीकृति की शक्तियों का अनुभव करेंगे तो हम इस दुनिया को अलग नजरिए से देख सकेंगे और तब हमें अपने नजरिए पर खुद ही आश्चर्य होगा।

अस्वीकृति उदासी की ओर ले जाती है और स्वीकृति खुशियों को लेकर आती है।

अपने मन की स्थिति को खुश रखने के लिए आप अपनी दिनचर्या में निम्नलिखित चीजों को अपना सकते हैं।

अपनी खुद की कलाओं और उपलब्धियों के सूची तैयार करें
अच्छी पुस्तक पढ़े
मनपसंद मूवी और टीवी शो देखें
कुछ छोटे-छोटे कामों को पूरा करें
अच्छा म्यूजिक सुने
कभी कभी कोई ऐसी चीज जो पहले से नियोजित नहीं है वह करे।
अच्छा भोजन करें
प्रकृति के साथ कुछ समय बताएं
अगर हो सके तो एक पालतू जानवर को रखें
अपने दोस्तों और परिवार से मिलकर बातचीत करें
अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्त के साथ शेयर करें

Sign up to receive new posts

Mother child bird

Don’t miss these tips!

.

Anshu Shrivastava

Anshu Shrivastava

मेरा नाम अंशु श्रीवास्तव है, मैं ब्लॉग वेबसाइट hindi.parentingbyanshu.com की संस्थापक हूँ।
वेबसाइट पर ब्लॉग और पाठ्यक्रम माता-पिता और शिक्षकों को पालन-पोषण पर पाठ प्रदान करते हैं कि उन्हें बच्चों की परवरिश कैसे करनी चाहिए, खासकर उनके किशोरावस्था में।

Anshu Shrivastava

Anshu Shrivastava

मेरा नाम अंशु श्रीवास्तव है, मैं ब्लॉग वेबसाइट hindi.parentingbyanshu.com की संस्थापक हूँ।
वेबसाइट पर ब्लॉग और पाठ्यक्रम माता-पिता और शिक्षकों को पालन-पोषण पर पाठ प्रदान करते हैं कि उन्हें बच्चों की परवरिश कैसे करनी चाहिए, खासकर उनके किशोरावस्था में।

Follow me on
Like this article? Share.
Facebook
Twitter
WhatsApp
Email

Popular Posts

error: Alert: Content is protected !!